About Us
Who we are & our mission
Capetal Homecare Real Estate Pvt. Ltd.
“Aapka Sapna, Hamari Zimmedari”
At Capetal Homecare Real Estate Pvt. Ltd., we believe that owning land is not just an investment—it’s the first step toward building your dreams. Founded with a vision to make real estate simple, accessible, and trustworthy, we specialize in offering legally verified residential and commercial plots in the rapidly developing Chhata to Goverdhan (Mathura) region.
कैष्टिल होम केयर रियल स्टेट प्राईवेट लिमिटेड भारतीय कम्पनी रजि एक्ट में एक रजिस्टर्ड कम्पनी है। जिसका रजिस्टर्ड CIN NO. U70109DL2020PTC359709 है।इससे पहले कम्पनी ने और भी प्रोजक्ट पूरे किये है तथा नया प्रोजेक्ट कृषिव विहार गोवर्धन मथुरा में अपना प्रोजेक्ट ला रहे हैं। कैप्टिल होम केयर रियल स्टेट देश की राजधानी दिल्ली का एक जाना माना ग्रुप है तथा अपनी साफ व विश्वसनीय छवी को कायम रखते हुए कम्पनी यदुवंशी विहार के नाम से पहचाने जाने वाले इस प्रोजेक्ट को स्कीम के साथ शुरु कर रही है जिसमे पूर्ण रूप से कम्पनी अपने ग्राहकों के लाभ व हित में कार्य करने के लिए वचनचद्ध है। यह ग्रुप पिछले 20 वर्षों से राजधानी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में भी ग्रुप हाउसिंग व विभिन्न स्तर के फ्लैट उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी से निर्माण कर लोगों को सुपुर्द कर चुके है। कैप्टिल होम केयर रियल स्टेट भविष्य गे अपने नए प्रोजेक्ट मथुरा के साथ-साथ हरिद्वार में लाने वाली है।

लक्ष्य और दूरदर्शिता
कैप्टिल होम केयर रियल स्टेट का उद्देश्य निम्न स्तर व कमजोर वर्ग के लोगों को सरल योजनाओं व सस्ती कीमत पर प्लॉट अथवा घर देकर उनके सपनों को पूरा करना है जिससे समाज को धार्मिक व प्राकृतिक वातावरण से जोड़ कर सक्षम किया जा सके। कम्पनी की योजना के अनुसार कमजोर वगों को भी वह सारी सुविधर प्रदान की जाएं जिन्हें पाने का वे सपना देखते हैं। कैप्टिल होम केयर रियल स्टेट यह प्रोजेक्ट राधा रानी के जन्मस्थल बरसाने व बाबा नब्द के ग्राम नन्दगाँव एवं पूजनीय गोवर्धन पर्वत के समीप है। अपनी प्रकृतिक सुंदरता एवं श्री कृष्ण की जन्म भूमि होने के कारण व ईश्वर के समीप रहने की लोगों की मंशा के कारण यह क्षेत्र रिहायशी प्लॉट व जमीन में निवेश करने के लिए बेहतरीन विकल्प है। यहाँ की सुंदरता बढ़ाने के लिए सरकार आधुनिक एवं बड़े स्तर पर पास कर चुकी है जो आने वाले भविष्य में इस स्थान को और भी प्रसिद्ध व मनमोहक बनाएंगी और निवेश की दृष्टि से यह भविष्य में अत्यधिक लाभदायक होगा।
प्राचीन वृन्दावन की एक झलक
वृन्दावन का परिक्रमा मार्ग बहुत कम लोग जानते होंगे की वृन्दावन का पुराना परिक्रमा मार्ग कौन सा था क्योंकि जो आज परिक्रमा मार्ग स्थित है वहाँ पहले यमुना महारानी बहा करती थी और पाट बने हुए थे तो परिक्रमा मार्ग कौन सा था चलिए हम आपको वृन्दावन के पंचकोसी परिक्रमा का वर्णन कर देते हैं परिक्रमा आप पहले 7 देवालयों की की नाती थी जिसका मार्ग इस प्रकार था स्तन छतरी से यदि हम शुरू करें तो मदन मोहन मन्दिर के पीछे से नहीं आज माली चाड़ा कहलाता है वहां से निकलती थी मदन मोहन भी की परिकमा देते हुए बांके बिहारी मन्दिर की परिक्रमा करते हुए श्री राधावल्लम मन्दिर के लिए जुगल पाट मन्दिर के बराबर से बड़ा वाला मोहल्ला होते हुए टोपी कुंज दान गली मान वाली होते हुए सेवाकुंज और वहां से बड़े रारामंडल की तरफ होते हुए भीराबाई के मन्दिर से निकलकर निधिवन राज होते हुऐ श्री राधा रमण मन्दिर की परिक्रमा देते हुए नरसिंह मन्दिर की तरफ से निकलकर गोपीनाथ बजार से गोपेश्वर बंसीवट होते हुए ज्ञान गुदरी की परिक्रमा करते हुए टिकारी वाले मन्दिर होते हुए टटिया स्थान पहुंचती थी पुराना वृंदावन की परिकमा शहर में से इस प्रकार निकलती थी बाकी की परिक्रमा ज्यादा नही चदली है यह प्राचीन परिक्रमा का स्वरूप है दान गली, मान गली आदि इत्यादि में आज भी कहीं–कहीं पत्थरों पर परिक्रमा मार्ग के चिन्ह मौजूद है।


वृंदावन में वन रहा अनोखा चंद्रोदय मन्दिर
वृन्दावन में अद्भुत शानदार बेमिसाल बनने वाले बंडोस्य मन्दिर जो दुनिया में अपने तरीके का पहला मन्दिर बनने जा रहा है इतना ऊंचा मन्दिर देश की नाही दुनिया के किसी कोने में अब तक नही बना है यह मन्दिर कुतुन मीनार से भी तीन गुना ऊंचा होगा। राधा–कृष्ण के असीम प्रेम को गवाह बन को एकड़ की धरती इस मन्दिर की साक्षी बनेगी। मन्दिर की ऊंचाई 100 फीट यानी 212 मीटर होगी। चन्द्रोदय मन्दिर का निर्माण खुजयहो शैली और आधुनिक शिल्पकला का मिलाजुला रूपा होगा। इस मन्दिर पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे और मन्दिर में राधा कृष्ण की लीलाओं को झांकीच सुन्दर पार्क चनाए जायेंगे अथवा यमुना जी के जल स्त्रोत से झील का निर्माण भी किया जायेगा। मन्दिर में 5000 भक्तों के बैठने की व्यवस्था होगी। यह मन्दिर भविष्य में विदेशों से आने वाले दर्शनार्थियों के लिए भी ताजमहल की तरह एक अनूना बनेगा।